Life Insurance

Know your insurance

भारत में जीवन बीमा को शुरू हुए 100 वर्ष से भी ज्यादा हो चुके हैं।

देश में जीवन बीमा को इतना महत्व नहीं दिया जाता, जितना दिया जाना चाहिए हम जीवन की कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं।

बीमा हमारे और बीमा कम्पनी के बीच में एक अनुबंध होता है जो भविष्य में होने वाले संभावित नुकसान के खिलाफ हमें वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। 

इस contract के तहत पॉलिसीहोल्डर को Regular Premium का भुगतान करना होता है Regular Premium भरने के दौरान आपके साथ कोई Mishappening हो जाती है तो बीमा कंपनी वादा करती है आजीविका कमाने वाले के असामयिक निधन पर परिवार की आर्थिक रूप से मदद करती है।

कुल मिलाकर कोई भी बीमा हमें Future में होने वाले संभावित नुकसान  से हमें सुरक्षा प्रदान करता है।

बीमा अनुबंध

हमें पॉलीसी लेने के दौरान पालिसी की पूरी जानकारी बीमा कम्पनी या एजेंट द्वारा अच्छे से समझ लेनी चाहिए और अनुबंध के दौरान जो सवाल हमसे पूछे जाते हैं उसके सही जवाब हमें देने चाहिए कोई भी तथ्य छिपाकर या झूठ बोलकर पालिसी नहीं लेनी चाहिए यदि आप झूठ बोलकर या कोई तथ्य छिपाकर कोई  पालिसी ले भी लेते हैं तो आपको और आपके परिवार को क्लेम मिलने में परेशानी हो सकती है।

इसलिए आपसे निवेदन है धोखाधड़ी करके बीमा लेने से बीमा कंपनी अनुबन्ध को अमान्य या निरस्त कर सकती है।

सुरक्षा

जीवन बीमा बचतकर्ता की मृत्यु हो जाने पर जोखिम के खिलाफ पूरी सुरक्षा प्रदान करता है, निधन की स्थिति में पूरी बीमित रकम का भुगतान (बोनस जो लागू होते हैं) बीमा कम्पनी द्वारा किया जाता है। 

जबकि किसी अन्य जगह Investment करने से केवल आपके द्वारा जमा किये गए बचत के पैसे ब्याज लगाकर आपके परिवार को दे दिए जाते हैं।

यदि आपने अपने किसी बचत खाते में जो पैसे बचत करके जमा किए हैं‚ आपके ना रहने की स्थिति में वही पैसे व उन पर देय ब्याज ही आपके परिवार को दे दिया जाता है।

जरूरत के समय पैसे

उपयुक्त बीमा योजना वाली पालिसी लेकर या कई अलग – अलग योजनाओं के समुय वाली पालिसी लेकर समय – समय पर पैदा होने वाली पैसों की जरूरत को पूरा किया जा सकता है।

बच्चों की पढाई–लिखाई‚ बच्चों की शादी या कोई भविष्य में होने ऐसे खर्चाें को हम अभी से Saving शुरू करके कवर कर सकते हैं जिससे जिस समय हमें पैसों जरूरत हो तो हमें इधर–उधर अपने हाथ ना फैलाने पडें इसकी व्यवस्था आप आज से ही छोटी–छोटी सेविंग के द्वारा कर सकते हैं।

इसके विपरीत पालिसी के पैसे व्यक्ति के सेवानिवृत्ति होने पर मकान बनवाने या दूसरे निवेशों जैसे कामों के लिए उपलब्ध हो सकते हैं।



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